धनतेरस 2024…धनतेरस पर्व मनाने का कारण ..पूजा का सही मुहूर्त और जानिए इस दिन क्या क्या ख़रीदे?

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Dhanteras 2024 Muhurat
Dhanteras 2024 Muhurat

Dhanteras 2024 Muhurat:धनतेरस का त्योहार, जिसे धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है, दीवाली के जश्न की शुरुआत का प्रतीक है। यह पर्व हर साल कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है, और इस साल यह 29 अक्तूबर को आयोजित किया जाएगा। धन और सफलता का प्रतीक होने के अलावा, धनतेरस अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन का भी प्रतीक है।

सनातन शास्त्रों में धनतेरस को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन भगवान धन्वंतरि, जो चिकित्सा और स्वास्थ्य के देवता हैं, की पूजा की जाती है, साथ ही माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की भी विशेष आराधना की जाती है।

दीपोत्सव की शुरुआत धनतेरस से होती है, जो छोटी दिवाली से एक दिन पूर्व मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर पूजा का शुभ मुहूर्त और खरीदारी का सही समय जानना भी महत्वपूर्ण होता है। आइए, इस पर्व की रौनक और महत्व को समझें और इसे अपने जीवन में खुशियों का संचार करने का अवसर बनाएं।

धनतेरस का महत्व

Dhanteras 2024 Muhurat:धनतेरस का महत्व
Dhanteras 2024 Muhurat:धनतेरस का महत्व

Dhanteras 2024 Muhurat:धनतेरस त्यौहार में धन, समृद्धि और स्वास्थ्य के महत्व पर जोर दिया जाता है।यह दिन भगवान धन्वंतरि, जो चिकित्सा और स्वास्थ्य के देवता हैं, और देवी लक्ष्मी, धन की देवी, की पूजा के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है।

इस खास अवसर पर लोग श्रद्धा के साथ पूजा करते हैं, दान करते हैं और त्यौहार की खरीदारी में उत्साहपूर्वक शामिल होते हैं, क्योंकि इसे भाग्य और आशीर्वाद प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। धनतेरस पर की गई हर छोटी-बड़ी खरीदारी को शुभ माना जाता है, जिससे यह पर्व हर किसी के जीवन में खुशियों और समृद्धि का संचार करता है।

धनतेरस का पर्व मनाने का कारण(कहानी )

Dhanteras 2024 Muhurat:धनतेरस का पर्व समुद्र मंथन की पुरानी कथाओं से जुड़ा है। शास्त्रों के अनुसार, जब समुद्र का मंथन हुआ, तब भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए। यह घटना कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को हुई थी। भगवान धन्वंतरि के समुद्र से निकलने के कारण बर्तन खरीदने की परंपरा स्थापित हुई, क्योंकि वह स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक हैं।

ऐसा कहा जाता है कि पूरे ब्रह्मांड में चिकित्सा ज्ञान का प्रसार करने वाले भगवान विष्णु ने भगवान धन्वंतरि का रूप धारण किया था।दो दिन बाद, माता लक्ष्मी भी समुद्र से प्रकट हुईं, और उसी दिन दीपावली का पर्व मनाया जाता है। इस अवसर का प्राथमिक लक्ष्य इन दोनों देवताओं की पूजा करना है क्योंकि ऐसा करने से हमें स्वास्थ्य और धन की प्राप्ति होती है।

भगवान धन्वंतरि का महत्व

Dhanteras 2024 Muhurat:भारतीय संस्कृति में भगवान धन्वंतरि को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है, जो समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक हैं। “धनतेरस” शब्द दो भागों से मिलकर बना है—”धन” और “तेरस,” जिसका अर्थ है धन का तेरह गुना। भारतीय परंपरा में सेहत को सबसे बड़ा धन माना जाता है, और यह कहावत प्रचलित है: “पहला सुख निरोगी काया, दूजा सुख घर में माया।” इसलिए धनतेरस, विशेष रूप से दिवाली से पहले, बहुत महत्वपूर्ण है।

इसके अलावा, धनतेरस को राष्ट्रीय आयुर्वेदिक दिवस के रूप में भी मनाया जाता है, जो स्वास्थ्य और चिकित्सा का दिन है।मान्यता है कि माता लक्ष्मी भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने के दो दिन बाद समुद्र से प्रकट हुईं, इसलिए दिवाली का पर्व धनतेरस के बाद मनाया जाता है। मुख्य उद्देश्य इस पर्व का है कि भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से व्यक्ति को स्वास्थ्य और आरोग्य का वरदान मिलता है।

धनतेरस किस दिन है?

Dhanteras 2024 Muhurat:धनतेरस का पर्व इस साल 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा, हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि यह 30 अक्टूबर को होगा। चलिए, इस संदेह को दूर करते हैं।

हिंदू पंचांग में धनतेरस का उत्सव कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10:31 बजे शुरू होगी। और इसका समापन 30 अक्टूबर को सुबह 01:15 बजे होगा। इस हिसाब से, धनतेरस का प्रमुख आयोजन मंगलवार, 29 अक्टूबर 2024 को होगा।

धनतेरस पर क्या करना चाहिए और क्या नही?

Dhanteras 2024 Muhurat:धनतेरस पर कुछ खास चीजें करना शुभ माना जाता है। इस दिन सोने, चांदी या बर्तनों की खरीदारी करना बहुत लाभदायक होता है। साथ ही, भगवान धन्वंतरि और माता लक्ष्मी की पूजा करना भी आवश्यक है। आप इस विशेष दिन में अतिरिक्त विशेष विवरण जोड़ने के लिए घर को साफ और सजा सकते हैं।

हालांकि, कुछ बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है। इस दिन किसी से कर्ज नहीं लेना चाहिए और न ही किसी को कर्ज देना चाहिए। पूजा के लिए अशुद्ध स्थानों का चयन करना भी ठीक नहीं है। इसके अलावा, क्रोध और नकारात्मकता से दूर रहना चाहिए, ताकि इस पर्व का माहौल शुभ और सकारात्मक बना रहे।

धनतेरस पूजा का समय (Dhanteras 2024 Muhurat)

Dhanteras 2024 Muhurat:धनतेरस पूजा का समय
Dhanteras 2024 Muhurat:धनतेरस पूजा का समय

Dhanteras 2024 Muhurat:धनतेरस का पूजा समय इस वर्ष 29 अक्टूबर को सुबह 10:31 बजे से शुरू होगा और यह 30 अक्टूबर को दोपहर 1:15 बजे तक रहेगा। इस दिन प्रदोष काल शाम 5:38 बजे से लेकर रात 8:13 बजे तक रहेगा, जो पूजा के लिए विशेष महत्व रखता है। खासतौर पर, गोधूली काल, जो शाम 6:31 बजे से रात 8:31 बजे तक रहेगा, इस दिन की पूजा के लिए 1 घंटे 42 मिनट का समय उपलब्ध कराता है।

धनतेरस पर त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है, जो खरीदारी के लिए बहुत शुभ माना जाता है। पहले खरीदारी मुहूर्त का समय 29 अक्टूबर को सुबह 6:31 से 10:31 बजे तक रहेगा। दूसरा मुहूर्त दोपहर 11:42 से 12:27 बजे तक होगा।

इस खास दिन पर सोना, चांदी, बर्तन, गहने या अन्य मूल्यवान सामान खरीदना विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन की गई खरीदारी घर में समृद्धि और धन का संचार करती है। कई लोग इस दिन नए वाहन, संपत्ति या अन्य महत्वपूर्ण चीजों की भी खरीदारी करते हैं। आजकल, धनतेरस पर नए उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक्स खरीदना भी शुभ माना जाता है।

खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त

Dhanteras 2024 Muhurat:धनतेरस के दिन खरीदारी के लिए तीन खास शुभ मुहूर्त निर्धारित किए गए हैं। इन समयावधियों में जातक सोना, चांदी, आभूषण, बर्तन, भूमि आदि की खरीदारी कर सकते हैं।

  • पहला शुभ मुहूर्त-सुबह 07:50 से 10:00 बजे तक। यह समय वृश्चिक लग्न का होता है, जिसे स्थिर और अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • दूसरा शुभ मुहूर्त-कुंभ लग्न का समय, जो दोपहर 02:00 से 03:30 बजे तक रहेगा। यह भी स्थिर और लाभकारी माना जाता है।
  • तीसरा शुभ मुहूर्त-प्रदोष काल, जो संध्या 06:36 से 08:32 बजे तक है। यहमुहूर्त विशेष रूप से उत्तमऔर शुभ माना जाताहै।

इन शुभ मुहूर्तों (Dhanteras 2024 Muhurat:) में खरीदारी करने से आप निश्चित रूप से लाभ प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इस अवसर का भरपूर उपयोग करें!

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