Gujarat Flood 2024:गुजरात में हालात गंभीर हो गए हैं क्योंकि भारी बारिश ने राज्य को बाढ़ की चपेट में ले लिया है। सूरत, कच्छ और अन्य कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। पिछले 48 घंटे से लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने नदियों को उफान पर ला दिया है, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया है।
मौसम विभाग का कहना है कि अगले तीन दिनों तक बारिश से राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है।राजकोट में सड़कें पूरी तरह से जलमग्न हो चुकी हैं, और गाड़ियां पानी में डूब गई हैं। कई घरों में इतना पानी भर गया है कि बुजुर्गों को कंधों पर उठाकर बचाया जा रहा है। तेज बहाव के कारण एक बाइक सवार अपना बैलेंस खो बैठा, हालांकि वह खुद सुरक्षित बच गया, लेकिन उसकी बाइक बह गई।
Gujarat Flood 2024 में 15 मौतें, 11,000 लोग सुरक्षित स्थानों पर भेजे गए
Gujarat Flood 2024:गुजरात में पिछले तीन दिनों से लगातार भारी बारिश के कारण कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। राज्य में भारी बारिश के कारण 15 लोगों की मौत हो गई है और लगभग 11,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है।
राज्य के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बन गई है, और ज्यादातर डैम ओवरफ्लो हो चुके हैं। नदियों का जलस्तर खतरे की रेखा से ऊपर बह जाने के कारण आवासीय इलाके जलमग्न हो रहे हैं, जिससे वे टापू में तब्दील हो गए हैं।पिछले 48 घंटे की बारिश ने लोगों को अपने घरों में कैद कर दिया है।
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए भी सतर्क रहने की सलाह दी है, और 28-29 अगस्त को राज्य के 27 जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। पिछले 24 घंटों में गुजरात के 250 तहसीलों में भारी बारिश दर्ज की गई है। सौराष्ट्र के जामनगर, द्वारका और पोरबंदर जिलों में सबसे अधिक बारिश हुई है—जैसे द्वारका के खंभालिया में 18.16 इंच, जामनगर में 15.48 इंच, और पोरबंदर के राणावाव में 11.68 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई है।
शहरों में भारी जलभराव से उत्पन्न संकट
गुजरात के वडोदरा में जलभराव की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है क्योंकि विश्वामित्र नदी में आजवा सरोवर से पानी छोड़ा जा रहा है। इस कारण नदी खतरे के निशान से 8 फीट ऊपर बह रही है, जिससे शहर के निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। प्रशासन ने अब तक लगभग 4,000 लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दिया है।
राजकोट में पिछले 2 दिनों में 20 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है, जिससे कई क्षेत्रों में जलजमाव हो गया है। वहीं, जूनागढ़ में भी लगातार हो रही बारिश से नदियाँ उफान पर हैं और डैम ओवरफ्लो हो रहे हैं, जिससे डैम के आस-पास के इलाकों में दहशत का माहौल बन गया है।
तीन दिनों में भारी बारिश से 15 लोगों की मौत
पिछले तीन दिनों में गुजरात में लगातार भारी बारिश के कारण 15 लोगों की मौत हो चुकी इस आपदा के परिणामस्वरूप 11,000 से अधिक व्यक्तियों को सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित किया गया है।नवसारी में 4,160, वलसाड में 1,158, आणंद में 1,081 और वडोदरा में 1,008 लोगों को स्थानांतरित किया गया है।
गुजरात में बाढ़ की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से बातचीत की है। प्रधानमंत्री ने राहत और बचाव कार्यों की स्थिति पर अपडेट लिया और केंद्र से हर संभव सहायता का वादा किया गया है।
शहर के कई भाग पानी से भर गए
गुजरात में हालात काफी बिगड़ गए हैं, खासकर जब से बारिश और डैम से पानी छोड़े जाने की वजह से बाढ़ आ गई है। वडोदरा में विश्वामित्र नदी के उफान से शहर के कई इलाकों में चार से आठ फीट तक पानी भर गया है, जिससे स्थानीय निवासियों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राएं प्राइवेट रूम में फंस गए हैं, जबकि रेलवे स्टेशन के पास के होटलों और सोसाइटियों में खाने की किल्लत हो गई है। विश्वामित्र नदी का खतरे का निशान 25 फीट है, लेकिन हाल की भारी बारिश के बाद नदी वडोदरा और आसपास के क्षेत्रों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
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