Kedarnath News Today :उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में हाल ही में बादल फटने से हजारों तीर्थयात्री फंस गए हैं। इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, जो गुरुवार रात 11 बजे तक चलता रहा। शुक्रवार को भी राहत कार्य जारी है, और लिनचौली से रेस्क्यू ऑपरेशन की शुरुआत की गई है।
केदारनाथ में फंसे लोगों को बचाने के लिए चिनूक हेलिकॉप्टर का उपयोग किया जा रहा है। वहीं, गौरीकुंड मार्ग पर लगातार पत्थर गिरने के कारण पैदल रेस्क्यू अभियान संभव नहीं हो पा रहा है।
भारतीय वायुसेना ने भी इस आपातकालीन स्थिति को देखते हुए राहत कार्य में मदद की है। राज्य सरकार ने गुरुवार को वायुसेना से सहायता मांगी थी, जिसके बाद दो हेलिकॉप्टर, एक चिनूक और एक Mi-17, राहत कार्य में तैनात किए गए। खराब मौसम के चलते एयर ऑपरेशन में कुछ मुश्किलें आई हैं, लेकिन वायुसेना ने एरियल रेक्की कर राहत प्रयासों को तेज कर दिया है।
उत्तराखंड में भारी बारिश और लैंडस्लाइड के कारण केदारनाथ यात्रा को दो दिन के लिए रोक दिया गया है। राज्य में अगले 48 घंटों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है, जिसके चलते NDRF की 12 और SDRF की 60 टीमें तैनात की गई हैं।
बारिश के कारण हरिद्वार, देहरादून, टिहरी, रुद्रप्रयाग और नैनीताल में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है। केदारनाथ में बादल फटने से लिनचोली और भीमबली के पास 4000 से ज्यादा लोग फंस गए हैं। उन्हें निकालने के लिए 5 हेलिकॉप्टर भेजे गए हैं।
केदारनाथ रूट में फंसे यात्रियों की मदद के लिए SDRF की टीमें सक्रिय हैं। मुनकटिया से 450 लोगों को सुरक्षित सोनप्रयाग पहुंचा दिया गया है, जबकि बाकी लोगों का रेस्क्यू चिनूक और Mi-17 हेलिकॉप्टर से किया जा रहा है।
मौसम विभाग ने शुक्रवार (2 अगस्त) को 24 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मध्य प्रदेश के 11 जिलों में भी अगले 4 दिनों के लिए भारी बारिश का चेतावनी दी गई है।
4,000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया
Kedarnath News Today:भारी बारिश के कारण केदारनाथ यात्रा को रोक दिया गया है और बड़ी संख्या में लोग फंसे हुए हैं। रात भर रेस्क्यू अभियान जारी रहा, जिसमें एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने मिलकर राहत कार्य किया। अब तक हेलिकॉप्टर और पैदल अभियान के माध्यम से 4,000 से अधिक भक्तों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।
आज केदारनाथ में फंसे लगभग 1,000 लोगों को हेलिकॉप्टर द्वारा निकाला जाएगा। सुबह से पैदल मार्ग पर भी रेस्क्यू कार्य फिर से शुरू हो चुका है। भीमबली और लिनचोली से यात्रियों को एयर लिफ्ट किया जा रहा है और मैनुअल रेस्क्यू भी लगातार चल रहा है। देर रात तक पैदल मार्ग से सोनप्रयाग पहुंचे यात्रियों को सुरक्षित सोनप्रयाग बाजार तक पहुंचा दिया गया।
SDRF के जवानों ने गुरुवार की रात तक केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे यात्रियों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें मुनकटिया से 450 यात्रियों को सुरक्षित सोनप्रयाग पहुंचाया गया। वर्तमान में 4,000 से अधिक यात्रियों को बचाया जा चुका है और आज भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहेगा। इसके अलावा, रामनगर, नैनीताल के चकलुवा, और हल्द्वानी के पास तेज बहाव के कारण पेड़ उखड़ गए हैं और सड़कें बह गई हैं।
हेलीकॉप्टर के माध्यम से चल रहा रेस्क्यू अभियान
उत्तराखंड में केदारनाथ धाम यात्रा के पैदल मार्गों पर विभिन्न स्थानों पर फंसे यात्रियों और स्थानीय निवासियों के परिवारों के लिए रुद्रप्रयाग पुलिस ने एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। हाल की भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे यात्रियों को अलग-अलग जगहों पर फंसा हुआ है। इन यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए लगातार हेलीकॉप्टर और रेस्क्यू टीमों (एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जिला आपदा प्रबंधन, जिला पुलिस) की मदद ली जा रही है।
वायुसेना की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
Kedarnath News Today:फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए वायुसेना लगातार मदद कर रही है। एयरलिफ्ट की प्रक्रिया को तेज करने के लिए वायुसेना के चिनूक और Mi-17 हेलिकॉप्टर शुक्रवार सुबह गौचर पहुंच गए हैं। Mi-17 ने एक बार उड़ान भरकर 10 लोगों को सुरक्षित गौचर पहुंचाया है।
वायुसेना ने एक बयान में कहा, “भारतीय वायुसेना ने केदारनाथ से बचाव अभियान शुरू किया है। Mi-17 V5 और चिनूक हेलिकॉप्टर के जरिए इस बचाव कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। एक चिनूक और एक Mi-17 V5 हेलिकॉप्टर के साथ NDRF की टीमों को बचाव स्थलों तक पहुंचाया गया है। आगे की कार्रवाई के लिए वायुसेना के अन्य उपकरण भी तैयार हैं।”
बादल फटना क्या होता है?
Kedarnath News Today:बादल फटना या क्लाउडबर्स्ट एक मौसम की घटना है जिसमें बहुत ही कम समय में एक सीमित क्षेत्र में अत्यधिक भारी बारिश होती है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, यदि किसी एक क्षेत्र में 20-30 वर्ग किलोमीटर की जगह पर एक घंटे में 100 मिलीमीटर या उससे अधिक बारिश होती है, तो इसे बादल फटना कहा जाता है। सरल शब्दों में, जब एक ही स्थान पर अचानक और बेहद भारी बारिश होती है, तो इसे बादल फटना कहते हैं। अब हम आपको बताते हैं कि बादल फटने की घटना कब और क्यों होती है।
मुख्यमंत्री ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया
Kedarnath News Today:उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए जानकारी दी कि उन्होंने केदारघाटी में बुधवार रात हुई अत्यधिक बारिश से प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने स्थानीय लोगों और विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालुओं से मुलाकात की और उनकी स्थिति की जानकारी ली।
इस दौरान, उन्होंने जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग को निर्देश दिए कि क्षतिग्रस्त सड़कों और पैदल मार्गों की मरम्मत तेजी से की जाए और संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को जल्द सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए। उन्होंने सचिव को यह भी कहा कि अगर राहत और बचाव कार्यों के लिए जिलाधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार की सहायता की मांग की जाती है, तो उसे तुरंत प्रदान किया जाए।
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