Pune Porsche Case-पुणे पॉर्श एक्सीडेंट केस एक हाय प्रोफाइल केस बना हुआ है। हर रोज एक नया खुलासा हो रहा है। पुरे देश को इस एक हादसे ने चौका दिया है।
पुणे कल्याणी नगर इलाके मैं १७ साल के बिल्डर के लड़के ने रात के ३ बजे करीब ३ करोड़ की लग्जरी कार से २ लोगो की जान ली। इस मामले(Pune Porsche Case) मैं हर रोज एक नया चौका देने वाला खुलासा सामने आ रहा है। अब पुणे पुलिस ने इस आरोपी के खून के सैंपल बदलने का और सबुत के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप डॉक्टर पे किया है। पुलिस ने उन २ डॉक्टर को गिरफ्तार भी किया है|
पुलिस,डॉक्टरऔर विधायकने भी की आरोपी को बचाने कोशीश
आरोपी नाबालिग के पिता विशाल अग्रवाल और दादा सुरेंद्र अग्रवाल पुणे के बड़े एस्टेट डेवलपर है। इसलिए ये मामला हायप्रोफाइल था ,शुरुवात से ही सब ने इन्वेस्टीगेशन पर सवाल उठाए। सचमें जब इन्वेस्टीगेशन चालू हुआ तो बातों मैं दम लगा ।
हादसे के बाद दो पुलिस अफसर ने कंट्रोल रूम को जानकारी देना उचित नहीं समझा। उसके बाद विधायक भी ठाणे पहुँच गए। बेशर्म की हद तो तब हुई जब फोरेंसिक के डॉक्टर ने आरोपी के ब्लड सैंपल बदल दिए। उसके लिए ३ लाख की डील की गयी। हादसा हुआ तब आरोपी नशे मैं था उसके बाबजूद भी आरोपी के परिवार वालो ने ड्राइवर दबाव डाला।
पहिलेसे ही सिस्टम पे सवाल उठ रहे है। बड़े बाप के नाबालिग बेटे ने रजिस्ट्रशन किये बिना ,ड्राइविंग लाइसेंस के बिना कार चलायी और दो आम लोगो की जान ली। और मामला यही ख़तम नहीं हुआ ,उसके बाद एक क्राइम छुपाने के लिए फिल्मो मैं करते है वो सब किया। इन्वेस्टीगेशन अफसर से लेकर ,विधायक,डॉक्टर ,आरोपी के पिता,दादा इन सब ने एक क्राइम पर पर्दा डालने की कोशिश की। और जब ये सच सामने आया तो लगा की पूरी सिस्टम ने क्राइम मैं पैसो के लिए साथ दिया। जब ये मामला(Pune Porsche Case) मीडिया ने उछला तो सब एक एक करके जेल चले जा रहे है
२ डॉक्टर को किया गिरफ्तार
पुणे पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा की ससून हॉस्पिटल के दो डॉक्टरों को नाबालिग आरोपी के कहने के सैंपल गायब करने और सबूत के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप मैं गिरफ्तार किया है। इन लोगो मैं फोरेंसिक के प्रमुख भी शामिल है। ये दो डॉक्टर के नाम डॉ. अजय तावरे और डॉ. श्रीहरि हार्लोर है। अब क्राइम ब्रांच इस मामले(Pune Porsche Case) की जांच कर रही है।
आरोपी का खून सैंपल गायब किया और उस जगह दूसरे व्यक्ति का खून सैंपल लिया
वरिष्ठ अधिकारी का कहना है की ,’१९ मई को सुबह ११ बजे के करीब ससून हॉस्पिटल मैं ब्लड सैंपल को हॉस्पिटल के डस्टबिन मैं फेक दिया और उस जगह दूसरे व्यक्ति का ब्लड सैंपल लिया गया और फिर वो फोरेंसिक भेजा गय। सीएमओ डॉ. श्रीहरि हार्लोर ने इस ब्लड सैंपल को बदल दिया। जांच के बाद पता चला कि ससून हॉस्पिटल के फोरेंसिक एचओडी डॉ.अजय तावरे के कहने पर डॉ. श्रीहरि हार्लोर ने सबूत बदला।
नाबालिक आरोपी के दादा भी गिरफ्तार
आरोपी के दादा ने ड्राइवर का अपहरण किया और धमकी दी ,अपराध कबूल करने के लिए ड्राइवर को मजबूर किया इसलिए आरोपी के दादा को गिरफ्तार किया। इस मामले(Pune Porsche Case) मैं २ अधिकारियो को निलबित किया है।
क्या है ये पूरा Pune Porsche Case?
पुणे शहर के बीचों-बीच, 18 और 19 मई की रात को, एक 17 वर्षीय लड़के ने खुद को एक परेशान करने वाली घटना में पाया। तीन करोड़ रुपये की कीमत वाली पोर्श कार चलाते समय, वह काफी तेज गति से एक बाइक से टकरा गया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बाइक का संतुलन बिगड़ गया, वह सड़क पर लुढ़क गई और दुखद रूप से उस पर सवार दो लोगों की जान चली गई। आस-पास के लोगों ने तुरंत अधिकारियों को इसकी सूचना दी, जिसके बाद युवा चालक को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया।
इस दुर्भाग्यपूर्ण (Pune Porsche Case)घटना के मात्र 14 घंटे बाद, नाबालिग को अदालत ने जमानत दे दी, हालांकि उसे एक निश्चित राशि जमा करनी पड़ी। यातायात सुरक्षा उपायों और संभावित उपायों के महत्वपूर्ण प्रभावों पर 300 शब्दों का एक चिंतन निबंध भी अदालत द्वारा उनके कानूनी सहायता पैकेज के हिस्से के रूप में अनिवार्य किया गया था। हालांकि, जैसे-जैसे सार्वजनिक जांच तेज हुई, अदालत ने तुरंत उसकी जमानत रद्द कर दी, और बाद में उसे 5 जून तक निगरानी गृह में भेज दिया। उल्लेखनीय बात यह है कि इस घटना के कानूनी परिणाम केवल युवा ड्राइवर तक ही सीमित नहीं थे; उसके पिता और दादा भी अदालती मामलों में शामिल थे।
पुणे शहर के बीचों-बीच, एक 17 वर्षीय लड़के ने खुद को एक परेशान करने वाली घटना में पाया। तीन करोड़ रुपये की कीमत वाली पोर्श कार चलाते समय, वह काफी तेज गति से एक बाइक से टकरा गया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बाइक का संतुलन बिगड़ गया, वह सड़क पर लुढ़क गई और दुखद रूप से उस पर सवार दो लोगों की जान चली गई। आस-पास के लोगों ने तुरंत अधिकारियों को इसकी सूचना दी, जिसके बाद युवा चालक को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया।
Pune Porsche Case घटनाक्रम–
१८ मई
रात के १० ४५ बजे -नाबालिग आरोपी ३ करोड़ की कार लेकर कोजी पब गया। पब मैं उसने ९० मिनट मैं ४८ हजार की शराब पी
रात १२ १० बजे – आरोपी ब्लैक क्लब मैरियट होटल गया ,यहाँ भी उसने दारू पी
रात २ १५ बजे – आरोपी अपने दोस्त के साथ कार लेकर गया,तब कार की स्पीड करीब २०० किलोमीटर प्रतिघंटा थी। एक कार और बाइक की टक्कर में दो लोगों की मौत हो गई। कार के एयरबैग खुलने के कारण कार रुक गयी।
लोगो ने नाबालिग आरोपी और उसके दोस्त की पिटाई की।
१९ मई
नाबालिग आरोपी को जुवेनाइल बोर्ड के सामने पेश किया।
पुलिस ने नाबालिग पर वयस्क आरोपी की तरह खटला चलने की मांग की।
जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने आरोपी को ३०० शब्दों का निबंध लिखने के लिए और ७ शर्तो पर आरोपी की जमानत कर दी
२१ मई
नाबालिग आरोपी के पिता पर आरोपी को कार देने और पार्टी करने के लिए छूट देने के जुर्म में बिल्डर पिता पर केस हुआ।
नाबालिग को शराब देने के लिए २ पब मालिकों और कर्मचारियों पर केस दर्ज हुआ।
और आरोपी के पिता ,२ क्लब मैनेजर और स्टाफ की गिरफ्तारी हुई।
२२ मई
जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग आरोपी को पेश होने के लिए नोटिस जारी किया।
आरोपी की जमानत रद्द कर के उसे ५ जून तक बालसुधार गृह में भेजा गया।
पुणे सेशन कोर्ट ने आरोपी के पिता को २४ मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
२३ मई
पुणे पुलिस ने आरोपी के दादा, दोस्त और ड्राइवर से पूछताछ की।
२४ मई
कोर्ट ने आरोपी के पिता और ५ अन्य आरोपी को ५ जून तक न्यायिक हिरासत में भेजा ।
येरवडा पुलिस स्टेशन के २ अधिकारियो को जांच में लापरवाही के कारण सस्पेंड किया।
येरवडा पुलिस स्टेशन ने मामले(Pune Porsche Case) की जांच के लिए मामला क्राइम ब्रांच को सौंप दिया।
२५ मई
पुणे पुलिस के क्राइम ब्रांच ने आरोपी के दादा को गिरफ्तार किया।
२७ मई
पुणे पुलिस क्राइम ब्रांच ने डॉ.अजय तावड़े और डॉ. हरि हरनोर को ब्लड सैंपल बदलने के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया
Also Read-
Summer safety 5 tips-अब गर्मियों में स्वस्थ रहिए।
स्वस्थ जीवनशैली के 10 संकेत:आसान तरीके जो आपको बना सकते हैं फिट और स्वस्थ