Sambhal Shiv Mandir News in Hindi संभल के प्राचीन शिव मंदिर को 46 साल बाद अतिक्रमण मुक्त कराया गया है। पहले मंदिर के परिसर में दूसरे समुदाय के लोगों ने कब्जा कर लिया था, जहां एक व्यक्ति ने कमरा बना लिया था और दूसरे ने दरवाजा लगा दिया था। इसके अलावा कई मकानों के छज्जे भी मंदिर परिसर में थे, जिससे मंदिर पूरी तरह अतिक्रमण से घिर चुका था। रविवार को पुलिस-प्रशासन की निगरानी में पालिका की टीम ने अतिक्रमण हटाया और जर्जर बाउंड्री को तोड़कर नई बाउंड्री बनाने की प्रक्रिया शुरू की। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीसीटीवी कैमरे और पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
अब मंदिर के अंदर पूजा अर्चना फिर से शुरू हो गई है, और उत्तर प्रदेश सरकार ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को मंदिर की कार्बन डेटिंग के लिए चिट्ठी भेजी है। एएसआई की टीम जल्द ही मंदिर का सर्वे करने आएगी, जिससे इन मूर्तियों और शिवलिंग की उम्र का पता चलेगा। यह प्रक्रिया अब सबकी नजरों में है, क्योंकि मंदिर के इतिहास को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।
संभल के प्राचीन शिव मंदिर पर कब्जा(Sambhal Shiv Mandir News in Hindi)
प्राचीन शिव मंदिर (Sambhal Shiv Mandir News in Hindi) पर ताला लगने के बाद से कब्जे की घटनाएं बढ़ने लगीं। पहले किसी ने मंदिर के परिसर में छज्जा निकाल लिया, तो किसी ने दरवाजा बना लिया। यदि यह स्थिति बनी रहती, तो समय के साथ कब्जा और बढ़ सकता था, जिससे शहर में अशांति भी फैल सकती थी। लेकिन प्रशासन ने समय रहते इस समस्या का समाधान किया और सभी विवादों को शांत किया। हिंदू समाज के लोग प्रशासन की इस पहल की सराहना कर रहे हैं, जो मंदिर की सुरक्षा और शांति के लिए अहम कदम साबित हुआ।
संभल के मंदिर में प्राचीन संभलेश्वर महादेव का नाम
संभल के मंदिर (Sambhal Shiv Mandir News in Hindi)के बाहर शिव-हनुमान मंदिर का नाम अंकित किया जा रहा है। मंदिर के सामने “प्राचीन संभलेश्वर महादेव” लिखा गया है, साथ ही “ओम नमः शिवाय” और “हर हर महादेव” के नारे भी दिए जा रहे हैं। इसके अलावा, स्वास्तिक का प्रतीक भी उकेरा जा रहा है, जो धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है।
संभल के मंदिर में अब पूजा-पाठ की शुरुआत
वह मंदिर, (Sambhal Shiv Mandir News in Hindi)जो पिछले 46 सालों से वीरान पड़ा था, अब भक्तों की भक्ति से गूंज उठ रहा है। अब वहां भजन-कीर्तन हो रहे हैं और मंदिर का भव्य श्रृंगार किया जा रहा है। बजरंग बली की आरती भी होती है, और जैसे ही सूर्योदय होता है, पूजा-पाठ और आरती से पूरा मंदिर परिसर जाग उठता है। मंदिर का ताला खुलवाने के बाद, संभल प्रशासन रविवार को वहां पहुंचा था, जिसमें डीएम और एसपी भी शामिल थे। उन्होंने तिलक लगवाया और प्रशासन की कोशिशों से ही पूजा पाठ की शुरुआत हो पाई। कई वर्षों के बाद शिवलिंग का रुद्राभिषेक भी हुआ, जो सभी के लिए एक महत्वपूर्ण और आशीर्वादित क्षण था।
प्राचीन कुओं की खोदाई और सफाई
संभल में जामा मस्जिद और खग्गू सराय के पास स्थित प्राचीन कुओं की खोदाई और सफाई का काम शुरू हो चुका है। जामा मस्जिद के नजदीक वर्षों पहले पाट दिया गया एक कुआं अब खोलने की तैयारी है। पालिका इस प्रक्रिया को शुरू करने जा रही है, जिससे कुएं को फिर से मुक्त किया जा सके। इसके अलावा, जामा मस्जिद के पास स्थित कब्रिस्तान में भी कुएं होने की संभावना है, जिसकी सफाई और देखभाल की जाएगी। पालिका के ईओ ने बताया कि पालिका क्षेत्र में सभी कुओं को खोला जाएगा और इस प्रक्रिया पर काम शुरू कर दिया गया है।
वहीं, खग्गू सराय में एक प्राचीन मंदिर (Sambhal Shiv Mandir News in Hindi)के पास छिपे हुए कुएं की खोदाई भी जारी है। शनिवार को बुलडोजर की मदद से इस कुएं की खोदाई शुरू की गई थी, लेकिन जैसे-जैसे कुएं की चौहद्दी संकीर्ण हो रही है, पालिका के कर्मी अब फावड़े से मिट्टी निकाल रहे हैं। अब तक करीब दस फीट तक खोदाई की जा चुकी है। कुएं के ऊपर बने चबूतरे का गेट भी पुलिस ने बंद कर दीवार से ढक दिया है। इस काम को पूरी गहराई तक जारी रखा जाएगा।
इन कार्यों के जरिए ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के इन स्थलों की सफाई और पुनर्निर्माण का प्रयास किया जा रहा है।
क्या है कार्बन डेटिंग प्रक्रिया?
संभल के मंदिर (Sambhal Shiv Mandir News in Hindi) का जिर्नोद्वार 46 साल बाद हुआ है, और अब मंदिर का सर्वे शुरू होने वाला है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम इस सर्वे को आज से शुरू करेगी, जिसमें कार्बन डेटिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। कार्बन डेटिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जो पुरातात्त्विक वस्तुओं, जैसे शिवलिंग, मूर्तियां, कुएं और अन्य अवशेषों की उम्र का निर्धारण करने में मदद करती है। इस प्रक्रिया में प्राकृतिक रेडियोएक्टिव कार्बन-14 (C-14) का अध्ययन किया जाता है, जो सभी जीवित चीजों द्वारा अपने वातावरण से अवशोषित किया जाता है।
कार्बन डेटिंग से हम संभल मंदिर (Sambhal Shiv Mandir News in Hindi) में मिले शिवलिंग और मूर्तियों के कार्बनिक अवशेषों से उनकी अनुमानित उम्र का पता लगा सकेंगे। यह तकनीक 50,000 साल पुराने अवशेषों की उम्र का भी निर्धारण कर सकती है। इसके अलावा, मंदिर (Sambhal Shiv Mandir News in Hindi)के पास पाए गए कुएं की भी उम्र का पता लगाया जाएगा, जो इस ऐतिहासिक स्थल के महत्व को और भी स्पष्ट करेगा।
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