1 nation 1 election bill in Hindi लोकसभा में आज (17 दिसंबर) ऐतिहासिक “एक देश, एक चुनाव” (1 nation 1 election bill in Hindi)विधेयक पेश किया जाएगा, जिसे संविधान (129वां संशोधन) विधेयक के रूप में जाना जाता है। यह विधेयक केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल पेश करेंगे और इसके बाद वह इसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से अनुरोध करेंगे कि इसे विस्तृत विचार-विमर्श के लिए संयुक्त संसदीय समिति को भेजा जाए। इस विधेयक का उद्देश्य लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने का है, और इसके तहत केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर, पुडुचेरी और दिल्ली में भी एकसाथ चुनाव कराए जाने की योजना है।
इस विधेयक को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और विपक्षी पार्टियों के बीच राजनीति गरमा गई है। जहां BJP ने अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है, वहीं कांग्रेस और शिवसेना ने भी अपने सांसदों को लोकसभा में अनिवार्य रूप से हाजिर रहने का निर्देश दिया है। विपक्ष इसे लेकर सवाल उठा रहा है, जबकि सरकार इसे देशहित में एक महत्वपूर्ण कदम मान रही है।
(1 nation 1 election bill in Hindi) विधेयक को पेश करने के बाद इसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति के पास भेजा जाएगा, जिसमें विभिन्न पार्टियों के सांसदों की संख्याओं के आधार पर प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस विधेयक को लेकर व्यापक चर्चा और विचार-विमर्श होने की संभावना है, जिससे आने वाले दिनों में भारतीय राजनीति में बड़े बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है।
क्या है विधेयक की धारा-दो की उपधारा-पाँच?
विधेयक की धारा-दो की उपधारा-पाँच के तहत एक महत्वपूर्ण प्रावधान दिया गया है, जो उन परिस्थितियों से संबंधित है जब लोकसभा चुनावों के साथ किसी राज्य विधानसभा के चुनाव नहीं हो पाते। इसके अनुसार, यदि चुनाव आयोग यह मानता है कि किसी राज्य के विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनावों के साथ नहीं कराए जा सकते, तो वह राष्ट्रपति से अनुरोध कर सकता है कि वह आदेश जारी करें, जिससे विधानसभा चुनावों को एक तय तारीख पर आयोजित किया जा सके।
संविधान के इन अनुच्छेदों में प्रस्तावित संशोधन के महत्वपूर्ण प्रावधान
विधेयक के माध्यम से संविधान में कुछ महत्वपूर्ण संशोधन किए जाएंगे। इसमें अनुच्छेद-82ए (लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के एकसाथ चुनाव) को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, अनुच्छेद-83 (संसद के सदनों की अवधि), अनुच्छेद-172 (राज्य विधानसभाओं की अवधि) और अनुच्छेद-327 (विधायिका के चुनावों से संबंधित प्रावधानों पर संसद की शक्ति) में भी बदलाव किए जाएंगे।
विधेयक में यह भी प्रावधान है कि एक बार यह कानून बन जाने के बाद, आम चुनाव के तुरंत बाद लोकसभा की पहली बैठक की तारीख पर राष्ट्रपति द्वारा अधिसूचना जारी की जाएगी। इस अधिसूचना की तारीख को नियत तिथि माना जाएगा, और लोकसभा का कार्यकाल उस तिथि से पांच साल के लिए निर्धारित होगा।
(1 nation 1 election bill in Hindi) बिल पेश होने के बाद अगले कदम क्या होंगे?
सरकार की योजना: बिल को संयुक्त समिति (JPC) के पास भेजने की तैयारी
सरकार वन नेशन वन इलेक्शन बिल (1 nation 1 election bill in Hindi)को संसद की संयुक्त समिति (JPC) के पास भेजने की योजना बना रही है। यह बिल जल्द ही लोकसभा में पेश किया जाएगा, और इसके बाद सरकार इसे जेपीसी के पास भेजने की सिफारिश करेगी। विधेयक पेश होने के बाद, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इस बिल को विस्तृत चर्चा के लिए संयुक्त समिति के पास भेजने का अनुरोध करेंगे।
बिल पेश होने के बाद अगला कदम क्या होगा?
सरकार ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल (1 nation 1 election bill in Hindi)पेश करने के बाद इसे संसद की संयुक्त समिति (JPC) के पास भेजने की योजना बना रही है। इसके लिए जेपीसी का गठन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न दलों के सांसदों की संख्या के आधार पर प्रतिनिधि शामिल होंगे। जेपीसी सभी दलों के नेताओं से चर्चा कर बिल पर उनके सुझाव प्राप्त करेगी। इसके बाद जेपीसी अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को सौंपेगी। रिपोर्ट पास होने के बाद यह विधेयक संसद में पेश किया जाएगा।
जब विधेयक दोनों सदनों से पारित हो जाएगा, तो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षर किए जाने के बाद, यह (1 nation 1 election bill in Hindi) बिल कानून का रूप ले लेगा। इस कानून के बनने से देशभर में एक साथ चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
कैबिनेट ने दो ड्राफ्ट कानूनों को मंजूरी प्रदान की
12 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इस बैठक में दो ड्राफ्ट कानूनों को मंजूरी दी गई। इनमें से एक विधेयक संविधान में संशोधन से संबंधित है, जो लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ कराने का प्रस्ताव करता है, जबकि दूसरा विधेयक तीन केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ आयोजित करने की योजना से जुड़ा है।
आम जनता की राय प्राप्त करने की योजना
सूत्रों के अनुसार, इस बिल (1 nation 1 election bill in Hindi)पर आम लोगों की राय लेने की भी योजना है। चर्चा के दौरान,(1 nation 1 election bill in Hindi) बिल के प्रमुख पहलुओं, इसके लाभ और देशभर में एक साथ चुनाव कराने के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं और चुनावी प्रबंधन पर विचार किया जाएगा। इस मुद्दे पर विपक्षी दलों से संवाद करने की जिम्मेदारी केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू को सौंपी गई है।
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