26 january ko republic day kyu manate hai? OR रिपब्लिक डे क्यों मनाया जाता है ?भारत इस साल अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, जो हर भारतीय के लिए विशेष दिन है। 26 जनवरी हमारी लोकतांत्रिक शक्ति और संविधान की ताकत का प्रतीक है। यह दिन हमें देश की न्याय, स्वतंत्रता और समानता के सिद्धांतों की याद दिलाता है।
गणतंत्र दिवस का मुख्य आकर्षण दिल्ली में होने वाली भव्य परेड होती है, जिसमें भारत की समृद्ध विरासत और भविष्य की दिशा को दर्शाने वाली झांकियां प्रदर्शित होती हैं। इस साल की थीम “स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास” है, जो हमारे इतिहास और उज्जवल भविष्य को प्रस्तुत करती है।
यह दिन हमें याद दिलाता है कि 26 जनवरी 1950 को भारत ने संविधान अपनाकर लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में अपनी पहचान बनाई।
भारतीय संविधान का इतिहास(26 january ko republic day kyu manate hai?)रिपब्लिक डे क्यों मनाया जाता है?
26 january ko republic day kyu manate hai? OR रिपब्लिक डे क्यों मनाया जाता है ? भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाने का कारण है कि इसी दिन, 1950 में हमारा संविधान लागू हुआ था। यह दिन भारत के लोकतांत्रिक सफर की शुरुआत का प्रतीक है, और इस दिन को मनाने की अपनी एक ऐतिहासिक कहानी है।
भारत को 1947 में स्वतंत्रता मिलने के बाद, देश को एक लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाने के लिए संविधान तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की गई। इस प्रक्रिया में लगभग 2 साल, 11 महीने और 18 दिनों का समय लगा। 4 नवंबर 1947 को संविधान का मसौदा संविधान सभा के सामने रखा गया, और इसके बाद कई बैठकों में चर्चा, बदलाव और सुधार किए गए। आखिरकार, 24 जनवरी 1950 को संविधान को स्वीकृति दी गई। इस दिन 308 सदस्यों ने संविधान की दो प्रतियों पर हस्ताक्षर किए—एक हिंदी में और एक अंग्रेजी में।
हालांकि, संविधान लागू करने के लिए संविधान सभा ने 26 जनवरी 1950 तक इंतजार करने का फैसला किया। यही वह दिन था जब भारत ने औपनिवेशिक शासन के तहत लागू भारतीय अधिनियम 1935 को छोड़कर, अपने नए संविधान को लागू किया और देश को एक गणराज्य के रूप में पूरी तरह से स्थापित किया।
26 जनवरी को संविधान लागू करने का निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि यह दिन भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण था। 26 जनवरी 1930 को कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज की मांग की थी, जिसे “पूर्ण स्वराज” दिवस के रूप में मनाया गया। इस ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए, 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया, और भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया। तब से यह दिन हर साल गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो हमारे संघर्ष, स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक अधिकारों की याद दिलाता है।
विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान
भारत की आज़ादी के बाद, देश के लिए एक मजबूत और प्रभावी संविधान की आवश्यकता महसूस की गई। इस उद्देश्य के लिए संविधान सभा का गठन किया गया, जिसने 9 दिसंबर 1946 से संविधान निर्माण का काम शुरू किया। इस सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे, जबकि संविधान की ड्राफ्टिंग समिति के अध्यक्ष के रूप में डॉ. भीमराव अंबेडकर ने अहम भूमिका निभाई। डॉ. अंबेडकर को संविधान निर्माता के रूप में सम्मानित किया जाता है, क्योंकि उन्होंने भारतीय संविधान को आकार देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है, जिसे बनाने में कुल 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा। इस लंबी प्रक्रिया के बाद, 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद को देश का संविधान सौंपा। इसी दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है, ताकि हम अपने संविधान की ताकत और इसके निर्माण में योगदान देने वाले महान नेताओं को सम्मानित कर सकें।
गणतंत्र दिवस का महत्व
गणतंत्र दिवस का मुख्य आकर्षण नई दिल्ली में होने वाली भव्य परेड होती है, जिसमें भारत की ताकत, संस्कृति और एकता का अद्भुत प्रदर्शन किया जाता है। परेड की शुरुआत भारत के राष्ट्रपति द्वारा ध्वजारोहण से होती है, इसके बाद मिलिट्री पावर, सांस्कृतिक विविधता और देशभक्ति के प्रदर्शन होते हैं। विभिन्न राज्य और सरकारी विभाग अपनी संस्कृति को प्रदर्शित करते हैं।
यह आयोजन केवल हमारे इतिहास का उत्सव नहीं, बल्कि विभिन्न समुदायों के बीच एकता का प्रतीक भी है। परेड के बाद, प्रधानमंत्री शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके बलिदान को सम्मानित किया जाता है। गणतंत्र दिवस हमारे देश की शक्ति, गौरव और एकता का सशक्त प्रतीक है।
गणतंत्र दिवस परेड 2025 की थीम
गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में एक भव्य परेड होती है, जिसमें विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और मंत्रालयों की सांस्कृतिक झांकियां प्रदर्शित की जाती हैं। 2025 की थीम ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ है, जो देश की प्रगति और सांस्कृतिक धरोहर को सम्मानित करती है। इस साल 15 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपनी झांकियां कर्तव्य पथ पर पेश करेंगे, साथ ही 11 केंद्रीय मंत्रालय भी अपनी प्रदर्शनी दिखाएंगे। जिन राज्यों को परेड में शामिल नहीं किया गया है, उन्हें 26-31 जनवरी तक “भारत पर्व” में भाग लेने का मौका मिलेगा।
गणतंत्र दिवस के समारोह देश भर में
गणतंत्र दिवस केवल दिल्ली की परेड तक सीमित नहीं है; यह पूरे भारत में ध्वजारोहण, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और प्रदर्शनों के साथ मनाया जाता है। यह दिन देशवासियों को उनके लोकतांत्रिक अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाता है और संविधान के मूल्यों को बनाए रखने का महत्व समझाता है। इस दिन राष्ट्रपति वीर सैनिकों को सैन्य पुरस्कार जैसे परमवीर चक्र और नागरिकों को उनके योगदान के लिए पद्म पुरस्कार प्रदान करते हैं। गणतंत्र दिवस हमें हमारे कर्तव्यों, संघर्षों और देश के प्रति प्यार की याद दिलाता है।
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