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अनंत चतुर्दशी 2024: 16 या 17 सितंबर को मनाई जाएगी? जानें सही तारीख, गणेश विसर्जन का समय, पूजा के शुभ मुहूर्त और विधि

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Anant Chaturdashi 2024 Date
Anant Chaturdashi 2024 Date

अनंत चतुर्दशी: गणेशोत्सव का समापन और पूजा का महत्व

Anant Chaturdashi 2024 Date:गणेशोत्सव का समापन और पूजा का महत्व

Anant Chaturdashi 2024 Date:अनंत चतुर्दशी, जिसे अनंत चौदस भी कहा जाता है, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और माता पार्वती की पूजा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन को विशेष फलदायी और मनोकामना पूर्ति के लिए विशेषत: पूजा जाता है।

गणेशोत्सव, जो गणेश चतुर्थी से शुरू होता है, अनंत चतुर्दशी तक चलता है। गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है और इसके अगले दस दिनों तक गणपति की पूजा और उत्सव धूमधाम से मनाए जाते हैं। दसवें दिन, यानी अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति का विसर्जन किया जाता है।

गणपति विसर्जन के दिन, भक्त गणेश भगवान की प्रतिमा को नदी, तालाब या समुद्र में विसर्जित करते हैं। विसर्जन से पहले, भगवान गणेश की पूजा और आरती की जाती है। साथ ही, फल-फूल, प्रसाद, नारियल आदि अर्पित किए जाते हैं। इस दिन ढोल-नगाड़ों की धुन पर गणपति की विदाई एक भव्य और हर्षोल्लास से भरी होती है।

अनंत चतुर्दशी का दिन भगवान विष्णु की पूजा और उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का भी एक खास अवसर होता है। इस दिन जो व्यक्ति सच्चे मन से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करता है, उसकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं।

इस प्रकार, अनंत चतुर्दशी गणेशोत्सव का समापन और धार्मिक महत्व से भरा हुआ दिन है, जो पूजा के विधि और समर्पण के साथ मनाया जाता है।

अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु और अनंत धागे की पूजा का महत्व

Anant Chaturdashi 2024 Date:भगवान विष्णु और अनंत धागे की पूजा का महत्व

Anant Chaturdashi 2024 Date:अनंत चतुर्दशी, जिसे विशेष रूप से भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा के लिए जाना जाता है, एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है। इस दिन भक्त भगवान विष्णु की विधिपूर्वक आराधना करते हैं और उपवास रखते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु के 12 नामों में से एक नाम ‘अनंत’ भी है, जो इस दिन की पूजा का मुख्य आधार है।

अनंत चतुर्दशी के अवसर पर, भक्त अपने दाएं हाथ में 14 गांठ वाला अनंत धागा या रक्षा सूत्र बांधते हैं। यह धागा विशेष रूप से इस दिन के पूजा विधि का हिस्सा होता है और इसे भक्तों की सुरक्षा और संकटों से रक्षा के लिए बांधा जाता है। माना जाता है कि इस धागे के माध्यम से भक्तों को किसी भी प्रकार की चिंता और भय से मुक्ति मिलती है, और भगवान विष्णु की कृपा से उनके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अनंत चतुर्दशी का व्रत रखने वाले लोगों पर लक्ष्मी-नारायण की अनंत कृपा बनी रहती है। इस दिन की पूजा से घर में धन आता है।

इस दिन की पूजा से घर का भंडार धन-धान्य से भर जाता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और अनंत धागे की रक्षा से मानव जीवन के अंत में मोक्ष प्राप्त होता है और वैकुंठ में स्थान पाता है।

इस कारण, अनंत चतुर्दशी एक महत्वपूर्ण घटना है जो भगवान विष्णु की भक्ति और अनंत धागे पर सतर्कता के माध्यम से जीवन में खुशी, धन और स्थिरता प्राप्त करने की आशा को प्रेरित करती है।

अनंत चतुर्दशी 2024: पूजा का समय और महत्व

Anant Chaturdashi 2024 Date:पूजा का समय और महत्व

Anant Chaturdashi 2024 Date:हिंदू पंचांग के अनुसार, अनंत चतुर्दशी की तिथि इस बार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष में विशेष महत्व रखती है। चतुर्दशी तिथि का आरंभ 16 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 11 मिनट पर होगा और समाप्ति 17 सितंबर को सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर होगी। शास्त्रों के अनुसार, उदयकाल व्यापत तिथि को मान्यता प्राप्त होती है इसलिए अनंत चतुर्दशी का व्रत इस वर्ष 17 सितंबर को मनाया जाएगा।

17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी की पूजा के लिए विशेष शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 7 मिनट से 11 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। इस दौरान कुल 5 घंटे 37 मिनट का शुभ समय भक्तों को भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा और गणेश जी के विसर्जन के लिए प्राप्त होगा। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है, साथ ही गणेश जी का विसर्जन भी इसी दिन संपन्न होता है।

इस प्रकार, अनंत चतुर्दशी का पर्व एक महत्वपूर्ण धार्मिक अवसर है जो विशेष पूजा विधियों के साथ मनाया जाता है। इस दिन की पूजा से भक्तों को भगवान विष्णु की अपार कृपा प्राप्त होती है और उनके जीवन में सुख-समृद्धि और सुरक्षा की प्राप्ति होती है।

Anant Chaturdashi 2024 Date: गणेश जी का विसर्जन मुहूर्त

Anant Chaturdashi 2024 Date:गणेश जी का विसर्जन मुहूर्त

Anant Chaturdashi 2024 Date:वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष अनंत चतुर्दशी भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 16 सितंबर, सोमवार को दोपहर 3 बजकर 10 मिनट पर शुरू होगी। यह तिथि 17 सितंबर, मंगलवार को दिन में 11 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी। इस हिसाब से, उदयातिथि के आधार पर अनंत चतुर्दशी का पर्व 17 सितंबर को ही मनाया जाएगा। गणेश जी का विसर्जन भी इसी दिन होगा।

17 सितंबर को पूजा के लिए विभिन्न मुहूर्त निम्नलिखित हैं:

  • प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत): सुबह 9 बजकर 11 मिनट से दोपहर 1 बजकर 47 मिनट तक
  • अपराह्न मुहूर्त (शुभ): दोपहर 3 बजकर 19 मिनट से शाम 4 बजकर 51 मिनट तक
  • सायाह्न मुहूर्त (लाभ): शाम 7 बजकर 51 मिनट से रात 9 बजकर 19 मिनट तक
  • रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर): रात 10 बजकर 47 मिनट से मध्यरात्रि (18 सितंबर) 3 बजकर 12 मिनट तक

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