Home Festival हरतालिका तीज का व्रत कब है? जानिए हरतालिका पूजा का महत्व ,पूजा...

हरतालिका तीज का व्रत कब है? जानिए हरतालिका पूजा का महत्व ,पूजा करने का सही मुहूर्त और व्रत के नियम

0
Hartalika 2024 mein kab hai?
Hartalika 2024 mein kab hai?

Hartalika 2024 mein kab hai? एक प्रमुख हिंदू त्योहार, हरतालिका तीज को भगवान शिव और माता पार्वती के प्रति सम्मान और आराधना के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। यह पर्व हर साल भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो इस साल 6 सितंबर, शुक्रवार को पड़ रहा है।

इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए उपवास करती हैं, जबकि कुंवारी कन्याएं अपनी मनचाही शादीशुदा जिंदगी के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं।

हरतालिका तीज के व्रत से न केवल भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है, बल्कि यह जीवन के सभी कष्टों को दूर करने में भी मददगार साबित होता है। महिलाएं इस दिन विशेष रूप से सज-संवर कर 16 श्रृंगार करती हैं और पूजा के बाद हरतालिका तीज की कथा सुनती हैं। इस कथा को सुनने से सुख, शांति, और समृद्धि में वृद्धि होती है और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

Hartalika 2024 mein kab hai? इस दिन पूजा का समय विशेष रूप से शुभ होता है और इसके द्वारा प्राप्त आशीर्वाद से दांपत्य जीवन में खुशहाली और सुख की प्राप्ति होती है। इसलिए, इस पवित्र पर्व पर हरतालिका तीज की कथा सुनना और व्रत रखना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

2024 में हरतालिका तीज कब है?(Hartalika 2024 mein kab hai?)

Hartalika 2024 mein kab hai? इस साल हरतालिका तीज का व्रत 6 सितंबर को मनाया जाएगा। यह पर्व हर साल भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आयोजित होता है। इस दिन विशेष रूप से विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी दांपत्य जीवन की कामना के लिए व्रत करती हैं।

महिलाएं इस दिन लाल रंग के कपड़े पहनती हैं, मेहंदी लगाती हैं और सोलह श्रृंगार करके भगवान शिव और माता पार्वती की मिट्टी से बनी मूर्तियों की पूजा करती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती ने सबसे पहले भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने का व्रत रखा था।

हरतालिका तीज का महत्व

Hartalika 2024 mein kab hai?हरतालिका का महत्व

Hartalika 2024 mein kab hai? हरतालिका तीज का महत्व गहरा और प्रेरणादायक है। मान्यता के अनुसार, माता पार्वती ने अपने पिता की इच्छा के विपरीत भगवान शिव से विवाह करने का निश्चय किया। उन्होंने अपनी सहेलियों के साथ मिलकर चुपचाप शिवलिंग की स्थापना की और भगवान शिव की पूजा की। इसी कारण इस पर्व को हरतालिका तीज कहा जाता है।

सुहागिन महिलाओं के लिए यह त्योहार सुखी और समृद्ध दांपत्य जीवन का प्रतीक माना जाता है, जबकि कुंवारी कन्याएं इस अवसर का उपयोग अपने मनचाहे वर की प्राप्ति की आशा में करती हैं। धार्मिक दृष्टिकोण से भी यह पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन महिलाएं एकत्र होती हैं, एक-दूसरे के साथ प्रेम और स्नेह बढ़ाती हैं। इसके अलावा, हरतालिका तीज महिला सशक्तिकरण का प्रतीक भी है, जो महिलाओं के सामर्थ्य और एकजुटता को प्रकट करता है।

हिंदू परंपराओं के अनुसार, हरतालिका तीज एक विशेष व्रत है जिसे इच्छाओं की पूर्ति और सुखी दांपत्य जीवन के लिए अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है। यह पर्व केवल उत्तर भारत में ही नहीं, बल्कि देश के दक्षिणी हिस्सों में भी बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, और तमिलनाडु में इसे गौरी हब्बा के नाम से जाना जाता है। इस अवसर पर लड़कियाँ और महिलाएं गौरी हब्बा की पूर्व संध्या पर देवी गौरी की पूजा करती हैं और स्वर्ण गौरी व्रत रखकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करती हैं।

हरतालिका तीज के व्रत की विधि

Hartalika 2024 mein kab hai? हरतालिका तीज पर लड़कियाँ और महिलाएं एक दिन का उपवास करती हैं, जो पूरी तरह से पानी और अन्न के बिना होता है। व्रत भाद्रपद शुक्ल तृतीया तिथि की सुबह से शुरू होता है और चतुर्थी की सुबह तक चलता है। व्रत की शुरुआत करते समय महिलाओं को एक संकल्प लेना होता है जिसे उन्हें जीवनभर निभाना होता है, और इस दौरान पूरी निष्ठा के साथ उपवास का पालन करना आवश्यक है।

व्रत के दौरान सोलह श्रृंगार का विशेष महत्व होता है। सिंदूर, मंगलसूत्र, बिंदी, बिछुए, और चूड़ियाँ विवाहित महिलाओं के लिए अनिवार्य होती हैं। महिलाएं इस दिन नए सौंदर्य प्रसाधन भी खरीदती हैं और देवी पार्वती को अर्पित करती हैं। वे अपने पति और परिवार के अन्य सदस्यों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं। आमतौर पर महिलाएं लाल और हरे रंग के कपड़े पहनती हैं, जबकि काले और नीले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए।

हरतालिका तीज व्रत 2024: पूजा का शुभ मुहूर्त

Hartalika 2024 mein kab hai?:हरतालिका तीज व्रत 2024 पूजा का शुभ मुहूर्त

Hartalika 2024 mein kab hai? भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि इस साल 5 सितंबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और 6 सितंबर 2024 को दोपहर 3 बजकर 1 मिनट पर समाप्त होगी।

हरतालिका तीज की पूजा के लिए शुभ समय 6 सितंबर 2024 को सुबह 6 बजकर 2 मिनट से लेकर 8 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। इस समय के दौरान पूजा करना विशेष लाभकारी माना जाता है।

हरतालिका तीज के नियम

Hartalika 2024 mein kab hai? हरतालिका तीज के दिन व्रति महिलाओं के लिए कुछ विशेष नियम होते हैं, जिन्हें ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है:

  • इस दिन महिलाओं को सोलह श्रृंगार करना चाहिए। यह व्रत की पूर्णता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • व्रत के दौरान अन्न का सेवन पूरी तरह से मना होता है।
  • तीज के दिन सोना वर्जित है। इस दिन जागरण करके व्रत का पालन करें।
  • हरतालिका तीज के दिन व्रत कथा सुनना या पढ़ना न भूलें। यह व्रत के प्रभाव को बढ़ाता है और आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करता है।
  • काले, सफेद या ग्रे रंग के कपड़े पहनना इस दिन निषेध है। इसके बजाय लाल, पीला, गुलाबी जैसे शुभ रंग के कपड़े पहनें।

इन नियमों का पालन करके आप इस पवित्र व्रत को सही तरीके से निभा सकती हैं और भगवान शिव तथा माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त कर सकती हैं।

Also Read-

तनाव के लक्षण कारण और उपचार

गर्भावस्था और परवरिश :माता पिता के लिए एक नई शुरुआत

Summer safety 5 tips-अब गर्मियों में स्वस्थ रहिए।

Best 10 health tips for healthy life

रोज सुबह खाए ये चीज ….मिलेंगे बहुत सारे फायदे

ये है सेहत का राज …. अगर हर रोज खाएंगे तो कभी खून की कमी नहीं होगी |

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version